वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ कडप्पा में 5 लाख मुसलमानों का जमावड़ा, मौलाना अरशद मदनी ने दी कड़ी चेतावनी
गणेश कुमार स्वामी 2024-12-18 06:18:19
आंध्र प्रदेश के कडप्पा में सेव कॉन्स्टिट्यूशन कॉन्फ्रेंस के दौरान एक ऐतिहासिक जमावड़े में मौलाना अरशद मदनी ने वक्फ संशोधन बिल का कड़ा विरोध किया। उन्होंने इसे धार्मिक अधिकारों और समुदाय की धरोहर पर हमला करार दिया। इस सभा में करीब 5 लाख मुसलमानों ने एकजुट होकर बिल के खिलाफ आवाज उठाई।
वक्फ संशोधन बिल पर मौलाना मदनी का तीखा हमला
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अपने भाषण में वक्फ संशोधन बिल पर सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, कि यह बिल वक्फ संपत्तियों पर कब्जे की साजिश है। उन्होंने कहा, यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं, बल्कि आस्था का मामला है। हमारी संपत्तियों की देखभाल करने का अधिकार किसी और को क्यों दिया जाए?
मौलाना मदनी ने कहा, कि बिल के नाम पर सरकार धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप कर रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस बिल को समुदाय की धरोहर छीनने का प्रयास बताया और कहा कि इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा।
संविधान की सुरक्षा : देश के अस्तित्व का सवाल
मौलाना मदनी ने भारत के संविधान की सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा, कि यदि संविधान बचा रहेगा, तभी देश का अस्तित्व रहेगा। उन्होंने कहा, अगर संविधान कमजोर हुआ, तो देश की एकता और स्थिरता खतरे में पड़ जाएगी।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, कि निदेशक सिद्धांतों का पालन नहीं किया जा रहा है। जमीयत के पूर्वजों ने देश की आजादी और धर्मनिरपेक्ष ढांचे की स्थापना के लिए बड़ी कुर्बानियां दी थीं, लेकिन आज उन मूल्यों को खतरे में डाला जा रहा है।
नीतिश कुमार और चंद्रबाबू नायडू पर निशाना
अपने भाषण में मौलाना मदनी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ये नेता केंद्र सरकार के एजेंडे का समर्थन कर रहे हैं और उनके गठबंधन को बैसाखी करार दिया।
मौलाना मदनी ने राजनीतिक पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि देश के संविधान को बचाना सभी का कर्तव्य है।
सांप्रदायिक एकता की मिसाल : कडप्पा का संदेश
इस ऐतिहासिक सम्मेलन में मुस्लिम समुदाय ने एकजुट होकर सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश की। सम्मेलन के दौरान मस्जिदों के दरवाजे सभी के लिए खुले रहे और स्वयंसेवकों ने भोजन और पानी की व्यवस्था की।
पांच लाख हस्ताक्षर : एकजुटता की आवाज
सम्मेलन का समापन 5 लाख हस्ताक्षरों वाले एक दस्तावेज के साथ हुआ, जिसे मौलाना मदनी को सौंपा गया। यह दस्तावेज आंध्र प्रदेश के मुसलमानों की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है और इसे जल्द ही मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को सौंपा जाएगा।
मौलाना मदनी ने कडप्पा के मुसलमानों की तारीफ करते हुए कहा, आज यहां से उठी यह आवाज सिर्फ आंध्र प्रदेश या भारत के लिए नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया में गूंजेगी। देशभर के मुसलमानों को इसी तरह एकजुट होने की जरूरत है।
कडप्पा सम्मेलन का महत्व : देश के लिए मिसाल
कडप्पा का यह आयोजन केवल एक राजनीतिक विरोध नहीं था, बल्कि यह समुदाय की एकता और संविधान की सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। मौलाना मदनी ने स्पष्ट किया कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा से शांति, सद्भाव और देश की प्रगति में विश्वास रखती है।
कॉन्फ्रेंस में दिखी समुदाय की एकजुटता
वक्फ संशोधन बिल के विरोध में कडप्पा में हुई यह सेव कॉन्स्टिट्यूशन कॉन्फ्रेंस देशभर के लिए एक मजबूत संदेश है। यह सम्मेलन दिखाता है कि जब समुदाय एकजुट होकर किसी मुद्दे के खिलाफ खड़ा होता है, तो उसकी आवाज दूर तक गूंजती है।