मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री का मामला : म्यांमार में बांटी गई, दो शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज
गणेश कुमार स्वामी 2024-12-17 01:54:09
बिहार के प्रतिष्ठित मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री म्यांमार में बांटे जाने का मामला सामने आया है। इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बौद्ध अध्ययन विभाग के दो शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
फर्जी डिग्री का वितरण : म्यांमार में
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से मिली जानकारी के अनुसार, बौद्ध अध्ययन विभाग के अंशकालिक व्याख्याता डॉ. विष्णु शंकर और डॉ. कैलाश प्रसाद ने 29 सितंबर को म्यांमार की राजधानी नायप्यीडॉ (पूर्व में यंगून) में फर्जी तरीके से मगध विश्वविद्यालय की मानद डिग्रियां वितरित कीं। इन डिग्रियों पर वर्ष 2024 अंकित है, जबकि हस्ताक्षर तीन वर्ष पूर्व के कुलपति के हैं।
प्राथमिकी और पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए विश्वविद्यालय कुलानुशासक डॉ. उपेंद्र कुमार ने मगध विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि फर्जी डिग्रियों का वितरण न केवल विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के लिए हानिकारक है, बल्कि यह शिक्षा के मूल्यों के खिलाफ भी है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पिछले मामलों की पुनरावृत्ति
यह पहली बार नहीं है जब मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों के वितरण का मामला सामने आया है। इससे पहले भी कई विदेशियों को बिना वीजा प्राप्त पीएचडी की डिग्रियां दिए जाने के मामले उजागर हुए थे, जिन पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है।
शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह
मगध विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों के वितरण के मामलों ने शिक्षा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। यह आवश्यक है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन घटनाओं की गहन जांच करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में विश्वास बहाल किया जा सके।