ग्रामीण शिक्षा की नई किरण : बाराबंकी के गांव में कहार लाइब्रेरी ने बदली तस्वीर


गणेश कुमार स्वामी   2024-12-13 03:39:07



शिक्षा का प्रकाश अब गांवों तक पहुंचाने का अनोखा प्रयास बाराबंकी के देवा विकासखंड के अकटहीया गांव में हो रहा है। प्रोफेसर एच.एस. श्रीवास्तव के नेतृत्व में संचालित धारणीय कृषि एवं पर्यावरण केंद्र लखनऊ के तहत यह पहल की गई है। गांव में खोली गई ग्रामीण लाइब्रेरी कहार ने युवाओं के भविष्य को नई दिशा देने की पहल की है।

युवाओं की मांग पर प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें शामिल

गांव के युवाओं की मांग पर प्रो. एच.एस. श्रीवास्तव के प्रोग्राम मैनेजर आशीष सिंह ने लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक किताबें शामिल कीं। इनमें आरआरबी गणित, जनरल नॉलेज और करेंट अफेयर्स की किताबें प्रमुख हैं। अब गांव के विद्यार्थियों को किताबों की तलाश में दूर नहीं जाना पड़ता, क्योंकि उनकी जरूरत की पुस्तकें गांव में ही उपलब्ध हैं।

किसानों ने आध्यात्मिक किताबों की मांग रखी

इस दौरान, गांव के किसानों ने भी लाइब्रेरी में आध्यात्मिक और धार्मिक पुस्तकों को शामिल करने की मांग की। उनका कहना है कि इससे न केवल युवा बल्कि गांव के अन्य लोग भी लाभांवित होंगे। आशीष सिंह ने यह आश्वासन दिया कि अगले महीने और किताबें लाइब्रेरी में जोड़ी जाएंगी।

विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया और लाइब्रेरी का प्रभाव

लाइब्रेरी से किताबें लेने वालों में अमन कुमार, आकाश, संजीत कुमार, पवनेश सिंह, विशाल भारती जैसे युवा शामिल हैं। इन विद्यार्थियों ने बताया कि अब उन्हें पढ़ाई के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ता, जिससे उनका समय और ऊर्जा बचती है।

लाइब्रेरी वॉलिंटियर दीपक कुमार ने बताया, कि इस पहल से गांव के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक के अनुभव बताते हैं कि लाइब्रेरी से समय-समय पर किताबें ले जाकर पढ़ने वाले बच्चों से अच्छे परिणाम की उम्मीद की जा रही है।

संस्था का प्रोत्साहन और आगामी योजनाएं

आशीष सिंह ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने यह भी कहा कि संस्था समय-समय पर बच्चों की जरूरत के अनुसार नई किताबें उपलब्ध करवाती रहेगी। इस पहल ने गांव के शिक्षा स्तर को बढ़ाने और बच्चों के आत्मविश्वास को मजबूत करने का काम किया है।

लाइब्रेरी से जुड़े युवाओं के विचार

गांव के लड़कों और लड़कियों ने कहा, कि लाइब्रेरी की सुविधा उनके लिए बेहद फायदेमंद है। उन्होंने इसके लिए संस्था और प्रो. एच.एस. श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया। लाइब्रेरी से उन्हें न केवल पढ़ाई में मदद मिल रही है बल्कि उनके सपनों को नई उड़ान देने का अवसर भी मिल रहा है।

ग्रामीण शिक्षा के लिए अनुकरणीय प्रयास

अकटहीया गांव में कहार लाइब्रेरी ने शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत की है। इस प्रयास ने गांव के युवाओं और किसानों को एक मंच प्रदान किया है, जहां वे अपनी शिक्षा और आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।

गांवों में शिक्षा के नए युग की शुरुआत कहार लाइब्रेरी के माध्यम से हुई है।