15 साल पहले लापता बालक साहब बनकर लौटा, परिजन भी रह गए हैरान
गणेश कुमार स्वामी 2024-11-30 08:00:45
राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र के सातलखेड़ी गांव में एक अनोखा मामला सामने आया है। करीब 15 साल पहले 8 वर्षीय मेघराज पुत्र गंगाधर बैरवा लापता हो गया था, जो अब 23 वर्ष की आयु में अपने परिवार के पास लौट आया है। अब वह पढ़-लिखकर डिप्लोमा कर चुका है और होटल इंडस्ट्री में कार्यरत है। परिजनों ने पहले उसे मृत मान लिया था, लेकिन अब उसकी वापसी ने सभी को चौंका दिया है।
परिजनों ने मृत मानकर की थी तैयारी
मेघराज की मां, सुगना बाई, ने बताया कि कई वर्षों तक उसकी तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। अंततः उसे मृत मानते हुए घर में उसकी याद में चबूतरा बना दिया गया था। अब जब वह वापस लौटा है, तो पहले किसी को विश्वास नहीं हुआ, लेकिन उसने पुरानी बातें बताकर सबको यकीन दिलाया।
10 साल अनाथ आश्रम में बिताए
मेघराज ने बताया, कि वह सातलखेड़ी से पलायन करके हैदराबाद पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे पकड़कर क्रूसी फाउंडेशन हैदराबाद के अनाथालय में भर्ती कराया। वहां उसने 10 वर्ष बिताए, पढ़ाई की और डिप्लोमा प्राप्त किया। अब वह सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में होटल ऑपरेशंस के काम से जुड़ा हुआ है, और उसे 50 से 60 हजार रुपये का वेतन मिल रहा है।
परिवार में खुशी का माहौल
मेघराज के परिवार में चार भाई-बहन हैं। बड़े भाई और बहन की शादी हो चुकी है, जबकि मेघराज अभी कुंवारा है। उसकी वापसी से घर में दिवाली जैसा माहौल है। खुशी के इस मौके पर उसकी मां सुगना बाई उसे लेकर चौथ के बरवाड़ा दर्शन के लिए गई हैं।
गांव में बदलाव के कारण कठिनाई
मेघराज ने बताया, कि जब वह पहली बार गांव आया, तो उसे परिजन नहीं मिले, क्योंकि वे पास के सहरावद गांव में रहने लगे थे। दूसरी बार आने पर उसने गांव के लोगों से संपर्क किया और ग्राम पंचायत में जानकारी ली, तब जाकर वह परिजनों से मिला।
पुलिस ने भी की मदद
पुलिस ने भी इस मामले में भरत मिलाप करवाया है। हालांकि, इस बीच मेघराज के पिता गंगाधर का निधन हो चुका है, लेकिन परिवार में उसकी वापसी से खुशी का माहौल है।