क्या परीक्षा का दबाव बन गया है जान का खतरा? कोटा में एक और छात्र ने की आत्महत्या
गणेश कुमार स्वामी 2024-11-24 01:44:29
राजस्थान के कोटा शहर में 18 वर्षीय विवेक कुमार नामक छात्र की आत्महत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। वह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का निवासी था और पिछले कुछ महीनों से यहां जेईई (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम) की तैयारी कर रहा था। उसने कथित रूप से कोटा में अपने होस्टल की छठी मंजिल से कूद कर अपनी जान दी। कोटा में आत्महत्याओं का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है।
जेईई की तैयारी के दौरान मानसिक दबाव का असर
विवेक कुमार कोटा के राजीव गांधी नगर स्थित एक होस्टल में रहकर अपनी जेईई की परीक्षा की तैयारी कर रहा था। पुलिस के अनुसार, वह इस परीक्षा को लेकर काफी दबाव महसूस कर रहा था, हालांकि आत्महत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। विवेक ने जिस कमरे में आत्महत्या की, वहां कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस उपाधीक्षक योगेश शर्मा ने इस मामले की जानकारी दी और कहा कि शव को अस्पताल पहुंचाने के बाद मृतक को मृत घोषित कर दिया गया था।
कोटा में आत्महत्याओं की बढ़ती संख्या
यह कोटा में इस साल में आत्महत्या का 16वां मामला है। पिछले साल 26 विद्यार्थियों ने कोटा में आत्महत्या की थी। कोटा देश का सबसे बड़ा कोचिंग हब है, जहां लाखों छात्र हर साल मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए आते हैं। मानसिक दबाव और परीक्षा के तनाव के कारण यहां आत्महत्या की घटनाएं बढ़ी हैं, जो एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं।
कोटा में शिक्षा के साथ मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता
कोटा में छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यहाँ की कोचिंग संस्थाओं ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और छात्रों के लिए काउंसलिंग सत्र और तनाव प्रबंधन पर कार्यशालाएँ आयोजित की हैं। मगर सवाल यह उठता है कि क्या इन उपायों से समस्याओं का हल निकल पा रहा है, या फिर इसके लिए और भी कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।