भारतीय सेना का आधुनिक कदम : पोकरण में रोबोटिक डॉग्स का परीक्षण सफल
गणेश कुमार स्वामी 2024-11-23 02:50:37
भारतीय सेना ने रक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में अत्याधुनिक रोबोटिक डॉग्स का परीक्षण किया। यह परीक्षण 14 से 21 नवंबर तक चला और इसमें इन रोबोटिक डॉग्स ने अपनी बहुमुखी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। ये रोबोटिक डॉग्स भविष्य में सैनिकों के साथ सीमा पर तैनात किए जाएंगे।
परीक्षण का उद्देश्य और परिणाम
इस परीक्षण का उद्देश्य था सेना के लिए ऐसे रोबोटिक डॉग्स को तैयार करना, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सहायता कर सकें। ये रोबोट, ऊंचे पहाड़ों से लेकर गहरे पानी तक, कहीं भी ऑपरेट किए जा सकते हैं। एक घंटे की चार्जिंग के बाद ये 10 घंटे तक काम कर सकते हैं और छिपे हुए दुश्मनों को खोजने व नष्ट करने में सक्षम हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार, ये रोबोटिक डॉग्स सैनिकों को खतरनाक परिस्थितियों में सुरक्षित रखेंगे और उनकी दक्षता बढ़ाएंगे।
तकनीकी क्षमताएं
रोबोटिक डॉग्स को हाई-रेजोल्यूशन कैमरों, थर्मल सेंसर और रडार से लैस किया गया है। ये बर्फ, रेगिस्तान, ऊबड़-खाबड़ इलाकों, ऊंची सीढ़ियों और पहाड़ी क्षेत्रों को पार करने में सक्षम हैं। इन रोबोट्स का मुख्य उद्देश्य दुश्मनों की पहचान करना, डेटा जुटाना और इसे रियल टाइम में साझा करना है। ये दुश्मनों को नष्ट करने के लिए सटीक फायरिंग करने में भी सक्षम हैं।
दुनिया के स्तर पर भारत की प्रगति
चीन पहले ही अपने सैन्य अभियानों में रोबोटिक डॉग्स को शामिल कर चुका है। भारतीय सेना ने इस तकनीक को अपनाकर यह सुनिश्चित किया है कि वह वैश्विक रक्षा क्षेत्र में तकनीकी रूप से पिछड़ी न रहे। इस कदम से यह भी उम्मीद है कि भविष्य में भारत इन रोबोटिक डॉग्स का स्वदेशी उत्पादन शुरू करेगा।
सैन्य अभ्यास में भागीदारी
पोकरण परीक्षण में भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन की एक यूनिट के 50 से अधिक सैनिकों ने भाग लिया। इस 7-दिवसीय अभ्यास में 10 रोबोटिक डॉग्स शामिल किए गए। ये डॉग्स दुश्मनों का पता लगाने और सीमा पर निगरानी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भविष्य की योजना
सेना अब इन रोबोटिक डॉग्स के बड़े पैमाने पर उत्पादन और अन्य उपकरणों के साथ उनके एकीकरण की योजना बना रही है। इनके साथ-साथ लॉजिस्टिक्स ड्रोन का भी परीक्षण किया गया, जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सामान ले जाने में मदद करेंगे।