झुंझुनू अस्पताल की लापरवाही : ज़िंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर मोर्चरी भेजा
गणेश कुमार स्वामी 2024-11-23 02:25:32
झुंझुनू के राजकीय बीडीके अस्पताल में एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई। डॉक्टरों ने विमंदित युवक रोहिताश को मृत घोषित कर उसे मोर्चरी भेज दिया। यह लापरवाही तब उजागर हुई जब अंतिम संस्कार के दौरान उसके शरीर में हलचल हुई, जिससे सभी हैरान रह गए। युवक को तुरंत वापस अस्पताल लाया गया और आईसीयू में भर्ती किया गया।
कैसे हुई गलती?
बगड़ स्थित पुनर्वास केंद्र से विमंदित रोहिताश को तबीयत बिगड़ने पर मां सेवा संस्थान एनजीओ द्वारा बीडीके अस्पताल लाया गया। डॉ. योगेश जाखड़ ने मेडिकल चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, डॉ. नवनीत मील ने पोस्टमार्टम की प्रक्रिया को बिना वास्तविक जांच के कागजों में पूरा कर दिया गया। शव को अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम ले जाया गया, जहां उसके शरीर में हलचल होने पर उसके जीवित होने का पता चला।
एनजीओ और डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल
इस घटना में एनजीओ मां सेवा संस्थान के सचिव बनवारीलाल और डॉक्टरों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्यों बिना उचित जांच के युवक को मृत घोषित किया गया? और क्यों जल्दबाजी में अंतिम संस्कार की तैयारी की गई, जबकि मृतक के परिजनों को जानकारी देना आवश्यक था? वहीं इस पूरे प्रकरण में मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी पीएमओ डॉ. संदीप पचार की थी। जिन्होंने युवक के जिंदा पाए जाने पर वापस बीडीके अस्पताल में लाने के बाद भी उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी और पूरे प्रकरण पर पर्दा डालते नजर आए।
जिम्मेदारों पर कार्रवाई
जिला कलेक्टर रामावतार मीणा के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश जाखड़, और डॉ. नवनीत मील को निलंबित कर दिया गया। तीनों को निलंबन अवधि के दौरान अन्य जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में जवाबदेही और प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
लापरवाही पर प्रतिक्रिया
एनजीओ से जुड़ी डॉ. इंदु ने कहा कि इस गलती के लिए जिम्मेदार कौन है, यह स्पष्ट नहीं है। वहीं, इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्थाओं और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।
आमजन में रोष और चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल
यह मामला केवल एक अस्पताल की लापरवाही तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियों की ओर इशारा करता है। स्थानीय लोग और मरीज इस तरह की लापरवाहियों के लिए सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं पर जनता की नाराज़गी
इस घटना ने सोशल मीडिया पर जनता की नाराजगी को तेज कर दिया है। लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और डॉक्टरों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।