खेतों में सोने की बूँद : टोंक जिले में बीसलपुर बांध से 8 टीएमसी पानी की निकासी शुरू
गणेश कुमार स्वामी 2024-11-20 04:22:22
क्या आपने कभी सोचा है कि पानी की एक बूंद खेतों में सोने जैसी कीमत रखती है? टोंक जिले के किसानों के लिए यह सच साबित होने वाला है। बीसलपुर बांध से 8 टीएमसी पानी की निकासी ने जिले में किसान की किस्मत बदलने की उम्मीद जगा दी है। यह कदम न सिर्फ खेती में मदद करेगा, बल्कि जिले की समृद्धि का रास्ता भी खोलेगा।
बीसलपुर बांध से पानी की निकासी का शुभारंभ
टोंक जिले के बीसलपुर बांध से 8 टीएमसी पानी की निकासी का अभियान बुधवार से शुरू हुआ, जो अगले 105 दिनों तक जारी रहेगा। इस पानी का उपयोग 81,000 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि की सिंचाई के लिए किया जाएगा। यह पहल जिले के 256 गांवों के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। बीसलपुर बांध, जो कि बाणास नदी पर स्थित है, को जिले के लिए जीवनदायिनी माना जाता है, और अब इसका पानी फसलों के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा।
कलेक्टर ने की सख्त निर्देशों की घोषणा
टोंक जिले के कलेक्टर, सौम्या झा की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बीसलपुर बांध से पानी छोड़े जाने के साथ ही नहरों पर इंजन लगाकर पानी चोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बैठक में बीसलपुर बांध के अधीक्षण अभियंता वी.एस. सागर को यह निर्देश दिए गए कि नहरों से पानी को सही समय पर और पूरी तरह से किसानों तक पहुँचाया जाए।
किसानों की उम्मीदें और चुनौतियां
बैठक के दौरान किसानों ने नहरों की सफाई में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जहाँ नहरों की सफाई जरूरी थी, वहां काम नहीं हुआ और जहां काम हो रहा था, वह बेकार था। जिला कलेक्टर ने इन आरोपों की जांच का आदेश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पानी की निकासी सही तरीके से और पारदर्शिता के साथ हो रही है।
आने वाले 105 दिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण
बीसलपुर बांध का पानी अब 105 दिनों तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सिंचाई के लिए उपलब्ध रहेगा। इस पानी से मुख्य रूप से दायीं और बायीं नहरों के माध्यम से सिंचाई की जाएगी। इस कदम से जिले के 256 गांवों के किसान बेहतर उत्पादन की उम्मीद कर सकते हैं। इसके अलावा, इस पानी का इस्तेमाल अवैध खनन, अवैध शराब और मादक पदार्थों के व्यापार पर भी नकेल कसने के लिए किया जाएगा।
बीसलपुर बांध से पानी की निकासी से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि यह कदम जिले की समृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। हालांकि, नहरों की सफाई और पानी चोरी रोकने की दिशा में उठाए गए कदम और अधिक प्रभावी हो सकते हैं, जिससे किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।