कनाडा वर्क परमिट नियमों में बदलाव : भारतीय छात्रों और कामगारों पर बड़ा असर


गणेश कुमार स्वामी   2024-10-11 03:58:55



कनाडा सरकार के नए वर्क परमिट नियम 1 नवंबर से लागू हो रहे हैं, जिनका सीधा प्रभाव भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर पड़ेगा। क्या ये बदलाव भारतीयों के लिए कनाडा में नौकरी और पढ़ाई के सपनों को मुश्किल बना देंगे?

कनाडा सरकार ने पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जो 1 नवंबर से लागू होंगे। इन बदलावों में सबसे महत्वपूर्ण है कनाडाई भाषा बेंचमार्क (CLB) में न्यूनतम स्कोर 7 अनिवार्य करना। अब उम्मीदवारों को CELPIP, IELTS, और PTE CORE जैसी परीक्षाओं के स्कोर पेश करने होंगे। इसके साथ ही फ्रेंच भाषा की कुशलता भी आवश्यक हो सकती है, जो भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए चिंता का विषय बन गई है।

क्यों बदले गए नियम?

कनाडा में लंबे समय से काम करने वाले श्रमिकों की कमी को पूरा करने और विदेशी छात्रों की संख्या को 10% तक कम करने के उद्देश्य से ये बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना है, जिनमें कृषि, विज्ञान, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग, और तकनीकी क्षेत्र शामिल हैं।

भारतीय छात्रों पर असर

कनाडा भारतीय छात्रों की पसंदीदा जगहों में से एक है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में कनाडा में 319,130 भारतीय छात्र दर्ज किए गए थे। लेकिन नए नियम भारतीय छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं, खासकर उन छात्रों के लिए जो अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच नहीं जानते हैं।

नए नियमों की चुनौतियां

कई भारतीय छात्र और पेशेवर अब इन नियमों के चलते कनाडा में अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उदाहरण के तौर पर, अरविंद मीणा, जो हाल ही में कनाडा में PR हासिल कर चुके हैं, अब अपनी मंगेतर को कनाडा लाने में संभावित मुश्किलों का सामना कर सकते हैं। फ्रेंच में कुशलता की आवश्यकता और सख्त वीजा नियमों के कारण उनकी मंगेतर के लिए वर्क परमिट हासिल करना मुश्किल हो सकता है।

क्या कहती है कनाडाई सरकार?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि सरकार अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या को 35% तक कम करने की योजना बना रही है। यह कदम अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या को नियंत्रित करने और कनाडा की लेबर मार्केट की जरूरतों को पूरा करने के लिए उठाया गया है।

कनाडा के वर्क परमिट नियमों में बदलाव भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं। अब उम्मीदवारों को भाषा में उत्कृष्टता और अन्य कठोर मापदंडों को पूरा करना होगा, जिससे उनकी नौकरी और PR हासिल करने की उम्मीदें मुश्किल हो सकती हैं।