किम जोंग उन की चेतावनी: दुश्मन पर सभी हमलावर बलों का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल
गणेश कुमार स्वामी 2024-10-05 06:55:57
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने एक बार फिर दुनिया को चौंकाते हुए कहा कि अगर किसी ने उनके देश की संप्रभुता पर हमला करने की कोशिश की, तो वे अपने सभी हमलावर बलों का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं। किम ने यह बयान एक विशेष ऑपरेशन इकाई के प्रशिक्षण बेस पर निरीक्षण के दौरान दिया, जिससे दक्षिण कोरिया और पश्चिमी देशों में तनाव और बढ़ गया है।
उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग उन ने हाल ही में फिर से एक गंभीर चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर किसी भी देश ने उत्तर कोरिया की संप्रभुता के खिलाफ कोई सशस्त्र कार्रवाई की, तो उनका देश अपने सभी हमलावर बलों का इस्तेमाल करेगा, जिसमें उनके परमाणु हथियार भी शामिल होंगे। यह बयान उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया, कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के माध्यम से दिया गया, जिसने इसे वैश्विक मीडिया में फैलाया।
किम जोंग उन ने यह टिप्पणी एक विशेष ऑपरेशन इकाई के प्रशिक्षण बेस के निरीक्षण के दौरान की, जहां उन्होंने उत्तर कोरिया के बढ़ते सैन्य बलों और परमाणु ताकत पर जोर दिया। ज़िन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, किम ने स्पष्ट किया कि चाहे दुश्मन कोई भी हथकंडा अपनाए, उत्तर कोरिया के पास अब एक अपरिवर्तनीय परमाणु शक्ति है, जो उसे किसी भी खतरे का सामना करने में सक्षम बनाती है।
उत्तर कोरिया की परमाणु शक्ति पर किम का दावा
किम जोंग उन ने अपने भाषण में खासतौर पर इस बात पर जोर दिया कि उत्तर कोरिया ने एक ऐसी परमाणु शक्ति हासिल कर ली है, जिसे कोई भी वापस नहीं ले सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई देश यह सोचता है कि वह सैन्य संघर्ष में परमाणु शक्ति से बच सकता है, तो वह मूर्खता कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने सियोल और दक्षिण कोरिया के खिलाफ सीधे तौर पर चेतावनी दी, यह कहते हुए कि अगर ऐसा संघर्ष हुआ तो सियोल का अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा।
किम के इस बयान ने एक बार फिर से इस क्षेत्र में तनाव बढ़ा दिया है, खासकर जब दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं।
दक्षिण कोरिया और सियोल के लिए चेतावनी
किम जोंग उन ने सियोल और दक्षिण कोरिया को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा, अगर सैन्य संघर्ष की स्थिति आती है, तो सियोल और दक्षिण कोरिया का स्थायी अस्तित्व असंभव होगा। यह बयान सीधे तौर पर दक्षिण कोरिया की सरकार और उसकी जनता को चुनौती देने के समान है। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच हाल के वर्षों में बढ़ते रक्षा संबंध और संयुक्त सैन्य अभ्यासों ने उत्तर कोरिया को और भी अधिक उकसाया है।
विशेष सैन्य प्रशिक्षण का निरीक्षण
किम का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब उन्होंने उत्तर कोरिया की विशेष ऑपरेशन इकाई के प्रशिक्षण बेस का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने देश की सैन्य तैयारियों और विशेष अभियानों पर संतोष जताया। किम ने इस दौरान यह भी बताया कि कैसे उत्तर कोरिया अपनी सैन्य ताकत को और भी मजबूत कर रहा है, खासकर उन दुश्मनों से निपटने के लिए जो उसकी संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश कर सकते हैं।
उत्तर कोरिया लगातार अपने सैन्य बलों को आधुनिक बना रहा है, जिसमें विशेष अभियान इकाइयां भी शामिल हैं जो गुप्त ऑपरेशनों में विशेष रूप से सक्षम मानी जाती हैं। किम के इस बयान ने यह साफ कर दिया है कि उत्तर कोरिया अपनी रक्षा और आक्रमणकारी क्षमताओं को हर संभव तरीके से मजबूत कर रहा है।
उत्तर कोरिया-अमेरिका तनाव
किम जोंग उन के इस बयान से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच चल रहे तनाव को भी और बढ़ावा मिला है। उत्तर कोरिया कई बार अमेरिका पर सीधे तौर पर अपनी संप्रभुता के खिलाफ काम करने का आरोप लगा चुका है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों द्वारा उत्तर कोरिया पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों और राजनीतिक दबाव ने भी इस तनाव को बढ़ाया है।
भविष्य की रणनीति और क्षेत्रीय प्रभाव
विश्लेषकों का मानना है कि किम जोंग उन के इस बयान के बाद उत्तर कोरिया की नीतियों में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा, बल्कि यह संकेत है कि आने वाले समय में उत्तर कोरिया अपनी सैन्य और परमाणु शक्ति का और विस्तार करेगा। इस क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से यह बेहद चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि उत्तर कोरिया के पास पहले से ही परीक्षण किए गए परमाणु हथियार हैं और वह तेजी से इनकी संख्या और ताकत को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, उत्तर कोरिया की इस धमकी का सबसे ज्यादा असर दक्षिण कोरिया, जापान, और अमेरिका पर पड़ेगा, जो पहले से ही किम जोंग उन की नीतियों के चलते सतर्क हैं।
सियोल की प्रतिक्रिया
सियोल और दक्षिण कोरिया की सरकार ने अभी तक किम जोंग उन के इस बयान पर सीधे तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि यह बयान एक बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच चल रहे सैन्य अभ्यासों को देखते हुए, किम का यह बयान सीधे तौर पर एक विरोधी प्रतिक्रिया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और भविष्य के संकेत
किम जोंग उन के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाओं का आना स्वाभाविक है। अमेरिकी प्रशासन और संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर पहले ही कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि किम की सरकार इनसे अप्रभावित होकर अपनी योजनाओं पर आगे बढ़ रही है। विश्लेषकों का कहना है कि इस प्रकार की धमकियों से उत्तर कोरिया की स्थिति और सख्त हो सकती है, जिससे भविष्य में और गंभीर संघर्ष की संभावना बढ़ जाती है।
Source : IANS