क्या UNIFIL में तैनाती जोखिम में है? लेबनान में भारतीय शांति सैनिकों की सुरक्षा पर संकट
गणेश कुमार स्वामी 2024-10-05 06:51:00
लेबनान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, वहां तैनात संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं। विशेष रूप से 900 भारतीय शांति सैनिकों की सुरक्षा, जो इस संघर्ष क्षेत्र में तैनात हैं, सबसे बड़ी प्राथमिकता है। संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के प्रमुख ने स्थिति की जटिलता और शांति सैनिकों के सामने आने वाले खतरों को रेखांकित किया है।
विस्तृत रिपोर्ट :
लेबनान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की स्थिति संकटपूर्ण हो गई है। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (UNIFIL), जो कि लेबनान और इजराइल के बीच बफर जोन में तैनात है, वर्तमान में बेहद संवेदनशील स्थिति में है। इस मिशन में लगभग 900 भारतीय शांति सैनिक भी शामिल हैं, जिनकी सुरक्षा के लिए कई सावधानियां बरती जा रही हैं। संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट किया है कि शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि है, और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई आपातकालीन योजनाएं तैयार की गई हैं।
स्थिति की जटिलता :
UNIFIL का मुख्य उद्देश्य ब्लू लाइन के आसपास के क्षेत्र को दुश्मनी भरी गतिविधियों से मुक्त रखना है। इस क्षेत्र को इजराइल और लेबनान के बीच युद्धविराम क्षेत्र माना जाता है, लेकिन इस क्षेत्र में शांति बनाए रखना आसान नहीं है क्योंकि यहां का बड़ा हिस्सा ईरान-समर्थित संगठन हिज़बुल्लाह के नियंत्रण में है। हिज़बुल्लाह के साथ इजराइल का चल रहा संघर्ष और इजराइल की ओर से सीमित जमीनी हमले और हवाई हमले इस क्षेत्र को और भी अस्थिर बना रहे हैं।
UNIFIL की चुनौतीपूर्ण स्थिति :
संयुक्त राष्ट्र शांति बलों को एक बेहद जटिल स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, जहां वे दोनों विरोधी पक्षों के बीच फंसे हुए हैं। इजराइल ने UNIFIL से कुछ क्षेत्रों, विशेष रूप से ब्लू लाइन के पास स्थितियों को खाली करने की मांग की थी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने यह निर्णय लिया कि शांति सैनिकों को वहां से नहीं हटाया जाएगा। इसके पीछे कारण यह था कि यदि शांति सैनिक उन क्षेत्रों को छोड़ देते, तो वहां शांति और सुरक्षा बनाए रखना और भी मुश्किल हो जाता।
संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों के प्रमुख, जीन-पियरे लाक्रोइक्स, ने कहा कि उन्होंने इस फैसले को बहुत सोच-समझकर और सभी संभावित खतरों का आकलन करने के बाद लिया। उनके अनुसार, UNIFIL की जिम्मेदारी अपने जनादेश के तहत शांति बनाए रखना है, और इसीलिए उन्हें अपने स्थान पर बने रहना अनिवार्य है।
सुरक्षा को लेकर योजनाएं और उपाय :
हालांकि UNIFIL के पदाधिकारी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, उन्होंने शांति सैनिकों की सुरक्षा के लिए कई आपातकालीन योजनाएं तैयार की हैं। लाक्रोइक्स ने बताया कि स्थिति के बदलने के साथ-साथ इन योजनाओं पर पुनर्विचार और सुधार भी किया जा रहा है। इसमें शांति सैनिकों की शारीरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना और कुछ पदों पर सैनिकों की संख्या को लगभग 20 प्रतिशत तक कम करना शामिल है।
इस संकटपूर्ण स्थिति में, UNIFIL का एक प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लेबनानी सेना के अलावा कोई अन्य सशस्त्र बल इन क्षेत्रों में सक्रिय न हो। लेकिन हिज़बुल्लाह का इस क्षेत्र में भारी प्रभाव और इजराइल के साथ उसकी लगातार तनातनी ने इस जनादेश को पूरा करने में UNIFIL को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
भारत का योगदान और उसके शांति सैनिक :
इस तनावपूर्ण माहौल में, भारतीय शांति सैनिकों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। लेबनान में तैनात 900 भारतीय सैनिक न केवल शांति बनाए रखने में बल्कि मानवीय सहायता प्रदान करने में भी प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय शांति सैनिकों का योगदान इस मिशन में महत्वपूर्ण रहा है, और भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में अपने निरंतर योगदान के लिए जाना जाता है।
हालांकि, इस बार स्थिति अत्यधिक संवेदनशील है, और भारतीय सैनिकों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र, दोनों ही स्थिति की गंभीरता को समझते हुए इस दिशा में काम कर रहे हैं कि कैसे शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संभावित ख़तरे और आगामी कदम :
इजराइल और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्ष से यह आशंका जताई जा रही है कि यह लड़ाई एक व्यापक युद्ध में तब्दील हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो UNIFIL और वहां तैनात भारतीय सैनिकों को अत्यधिक खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
इसके बावजूद, UNIFIL ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाए रखा है और शांति बनाए रखने के अपने जनादेश के प्रति प्रतिबद्ध है। शांति सैनिकों की सुरक्षा के लिए अधिक कड़े उपायों की आवश्यकता हो सकती है, विशेष रूप से जब तक इस संघर्ष का कोई समाधान नहीं निकलता।
लेबनान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष के बीच UNIFIL की भूमिका बेहद चुनौतीपूर्ण हो गई है। भारतीय शांति सैनिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने यह सुनिश्चित किया है कि वे स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और हर संभव उपाय कर रहे हैं। अब देखना यह है कि इस संघर्ष का क्या परिणाम निकलता है और शांति सैनिकों की भूमिका इस कठिन समय में कैसी रहती है।