500 लोगों से करोड़ों की ठगी: दिल्ली में दो घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 44 लाख
गणेश कुमार स्वामी 2024-05-10 09:57:56
विदेश से ठगी का गिरोह चला रहे आरोपियों ने मुनिरका एंक्लेव, दिल्ली के शरद कपूर पुत्र स्व. सतीश कुमार कपूर को उनके घर में ही दो घंटे से ज्यादा डिजिटल गिरफ्तार करके रखा। इसके बाद आरोपियों ने उनसे 44 लाख 45 हजार 436 रुपये ठग लिए। दक्षिण-पश्चिमी जिले की साइबर थाना पुलिस ने इन विदेशी गिरोह के लिए भारत में बैंक खाता उपलब्ध कराने वाले राकेश कुमार शॉ पुत्र लेफ्टिनेंट पल्लू शॉ और रशीद खान पुत्र अब्दुल रज्जाक खान को गिरफ्तार किया है। इनके बैंक खातों में हाल ही में चार करोड़ से ज्यादा का लेन-देन हुआ है। इनके कब्जे से ठगी की गई पूरी रकम बरामद की गई है।
आरोपी 500 से ज्यादा लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया, कि एक एमएनसी कंपनी में काम करने वाले मुनिरका एन्क्लेव, दिल्ली निवासी शरद कपूर पुत्र स्व. सतीश कुमार कपूर ने साइबर थाना प्रभारी विकास बुडलक को 30 दिसंबर, 2023 को शिकायत दी थी कि उसके मोबाइल पर एक कॉल आई और कॉल करने वाले ने उनसे कहा, कि एक अवैध दस्तावेज और सामग्री पाए जाने के कारण एक फेडएक्स पार्सल को मुंबई सीमा शुल्क में रोक दिया गया है। पार्सल में 4 पासपोर्ट, 4 क्रेडिट कार्ड, 1 लैपटॉप, 4 किलो कपड़े और 200 ग्राम एमडीएमए हैं। कथित व्यक्ति ने उसे बताया कि ये पैकेट उनके आधार कार्ड और व मोबाइल नंबर पर बुक किया गया है।
इसके बाद आरोपियों ने धमकाकर शिकायतकर्ता को स्काइप पर जोड़ा और उनसे कहा, कि वह खुद को एक कमरे में बंद कर ले, किसी को कुछ बताए नहीं। आगे कहा, कि मुंबई अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी और कहा, कि उनका(पीडि़त) बैंक खाता अवैध गतिविधियों में शामिल पाया गया था। इसके अलावा उन्होंने शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ के बहाने उलझाए रखा और उसके बैंक खातों की सारी जानकारी ले ली।
आरोपियों ने उन्हें बताया, कि किसी भी अवैध लेनदेन की जांच करने के लिए उनके बैंक खातों को जब्त कर लिया जाएगा और सुरक्षा के रूप में उनके बचत बैंक खाते में 89 प्रतिशत राशि का भुगतान वापस किया जाएगा, जो जांच खत्म होने के बाद 15-20 मिनट में वापस कर दिया जाएगा। यदि जांच उसके खिलाफ जाती है तो उक्त राशि मामला सुलझने तक रोकी रहेगी। उनसे कहा गया कि ऑनलाइन पूछताछ की जानकारी किसी को न बताए। आरोपियों ने पीडि़त को डिजिटल गिरफ्तार करके रखा और उस दौरान उनके बैंक खातें से 44,45,436 रुपये निकाल लिए। मामला दर्जकर थानाध्यक्ष विकास बुडलक की टीम ने जांच शुरू की।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
जांच में पता लगा कि पीडि़त के आईसीआईसीआई बैंक खाते से 44,45,436 की राशि पीएनबी बैंक चालू खाते में जमा की गई थी। पीएनबी बैंक खाते का और विवरण मांगा गया और उसका विश्लेषण किया गया। पता लगा कि बैंक खाता उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल निवासी नीवा सिंह पत्नी प्रमोद कुमार सिंह के नाम पर खुला हुआ था। मनी ट्रेल के विश्लेषण के दौरान पता लगा कि ठगी की रकम को 35 से अधिक खातों में स्थानांतरित किया गया था और कथित खातों के पते देश के विभिन्न राज्यों के हैं।
आरोपी ने महिला से खुलवाया खाता
निवा सिंह ने जाँच में बताया, कि वह सिलाई का काम करती है और अपने 13 साल के इकलौते बेटे के साथ अपने पति से अलग रहती है। 2018-2019 में, उसने उसी इलाके में रहने वाले राकेश कुमार सिंह से सिलाई के लिए कपड़े खरीदना शुरू किया। वह समय पर पूरी राशि चुकाने में असमर्थ थी और राकेश ने उसे इस शर्त पर ऋण सुविधा प्रदान की कि वह उसे एक चालू बैंक खाता खुलवाकर देगी।
राकेश के निर्देश, सुविधा और मार्गदर्शन पर उसने पीएनबी में उक्त चालू खाता खोला। इसके अलावा, आवश्यकता के अनुसार, राकेश ने पीएनबी बैंक अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन से पहले कपड़ों का स्टॉक भी व्यवस्थित कर लिया था। कथित राकेश ने पंजीकृत मोबाइल नंबर, डेबिट कार्ड, लॉगिन क्रेडेंशियल के साथ उसका खाता ले लिया।
वीपीएन नंबर का इस्तेमाल किया
जांच के दौरान, यह भी पाया गया कि पीडि़त को कॉल एक प्रॉक्सी सिम के माध्यम से की गई थी, जिसका उपयोग शिकायतकर्ता को एक कॉल करने के लिए किया गया था। स्काइप से अधिक जानकारी प्राप्त की गई और पता चला कि जालसाजों द्वारा वीपीएन का उपयोग किया गया था।
पुलिस ने पश्चिमी बंगाल से किया गिरफ्तार
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस ने पश्चिमी बंगाल जाकर आरोपी राकेश कुमार शॉ(42) पुत्र लेफ्टिनेंट पल्लू शॉ और राशिद खान(43) पुत्र अब्दुल रज्जाक खान को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता लगा कि 113 एनसीआरपी शिकायतें एमएचए पोर्टल पर जुड़ी हुई पाई गईं। इन खातों में 4 करोड़ से ज्यादा रुपये होने का खुलासा हुआ है।