बेहद ख़ास है यह हनुमान जी का मंदिर, मिलती है मनचाही मुराद


गणेश कुमार स्वामी   2024-04-24 11:48:51



भारत के तकरीबन हर राज्य में धार्मिक स्थल हैं। हर धार्मिक स्थल का अपना अलग इतिहास और मान्यता है। कई मंदिर तो ऐसे हैं, जहां लोग दूर-दूर से भगवान के दर्शन करने आते हैं। हर साल हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास के दौरान शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। 

ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा करता है, तो उसे मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। हनुमान जन्मोत्सव पर आज बात करते हैं एक बेहद ख़ास मंदिर के बारे में, जहां की मान्यता काफी अलग है। यह मंदिर अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी है, जहां भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद अपने प्रिय भक्त हनुमान जी को रहने का आदेश दिया था। 

यहां स्थापित है हनुमान जी की खास मूर्ति

अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन बहुत से लोगों को हनुमानगढ़ी के इतिहास का नहीं पता है। दरअसल, ये वही जगह है, जहां भगवान राम ने लंका से लौटने के बाद हनुमान जी को रहने का आदेश दिया था। इसे हनुमान जी के खास मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर में हनुमान जी की जो मूर्ति विरामान है, वो भी बेहद खास है। यहां हनुमान जी लाल रंग में विराजमान है। हनुमानगढ़ी मंदिर में एक खास हनुमान निशान भी है। 

जन्मभूमि जाने से पहले यहां जाना जरूरी

ऐसी मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को जो ये जगह रहने के लिए दी थी, तो उन्होंने ये वचन भी दिया था, कि जो भी व्यक्ति अयोध्या आएगा, वो सबसे पहले आकर हनुमानगढ़ी के ही दर्शन करेगा। तब से लेकर आजतक हर कोई जन्मभूमि के दर्शन के लिए जाने से पहले हनुमानगढ़ी जरूर जाता है। यहां हनुमान जी के दर्शन के लिए 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। यहां आकर अद्भुत शांति का अनुभव होता है। 

मंदिर में दिखती है राम राज्य की छवि

इस मंदिर में रामराज्य की छवि देखने को मिलती है। यहां पर स्थित हनुमान जी की प्रतिमा हमेशा फूल- मालाओं से सुशोभित रहती है। इसके साथ ही हनुमानगढ़ी मंदिर की दीवारों में हनुमान चालीसा की चौपाइयां सुशोभित हैं। बहुत से लोग आज भी मंदिर परिसर में बैठकर ही राम नाम का सुमिरन और सुंदर कांड का पाठ भी किया करते हैं।